यूपी के आगरा में एक नीतू नाम की लड़की अपने परिवार के साथ रहती थी। वह सात भाई बहन थे । नीतू तीसरे नंबर की बेटी थी। नीतू एक पढ़ी लिखी लड़की थी उसने MBA किया हुआ था। नीतू ने जब कॉलेज की पढाई पूरी कर ली तब उसकी शादी एक अच्छे परिवार में कर दी। शादी के बाद उसने एक बेटी को जन्म दिया। जब उसकी बेटी एक साल की हुई उसके बाद नीतू के गर्दन पर एक फोड़ा निकला। उसके पति ने डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने जाँच करने के बाद गले का कैंसर बताया और उसको ऑपरेशन कराने की सलाह दी और कुछ दवाइयां दी। देखते देखते वो फोड़ा बड़ा होता गया। उस पर दवाइयों का भी कोई असर नहीं हो रहा था। कुछ समय बाद नीतू अपने मम्मी पापा के पास आई वहां उसके घर एक बाबा आया हुआ था। उसने जब उसकी गर्दन को देखा तो बोला। ये बिसबिल है फोड़ा नहीं है ये किसी ज्ञानी बाबा को दिखाओ। उसके अभिवावक इन सब बातो पर विश्वास नहीं करते थे लेकिन फिर भी वो एक बाबा को दिखाने गए। बाबा ने बताया एक पिछले जन्म का सांप उसके साथ रहता है वो उसको बहुत प्रेम करता है और उसको अपने साथ ले जाना चाहता है। उसके घर वालों को विश्वास नहीं हुआ तो बाबा ने अपने मंत्रों से उस सांप को ही बुला लिया। जब सांप से पूछा तुम इसके पीछे क्यों पड़े हो अब ये शादी शुदा है और इसके एक बेटी है? सांप ने कहा कि पहले ये साँपिन थी और हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। अब मैं इसको अपने साथ ले जाने आया हूँ। उसके बाद बाबा और सांप में बहुत बहस हुई और बाबा ने सांप से नीतू को छोड़ने का वचन लिया। सांप कुछ समय बाद छोड़ने के लिए राजी तो हो गया लेकिन उसने भी एक शर्त रखी। उसने बोला कि नीतू और उसके पति को मेरे नाम का 16 मंगलवार तक दीपक जलाना पड़ेगा। नीतू और उसके पति ने उसकी बात मान ली और वादे के अनुसार वो हर मंगलवार दीपक जलाने लगे। कुछ समय बाद उसका फोड़ा ठीक होने लगा। लेकिन उसका फोड़ा पूरी तरह ठीक नहीं हुआ। नीतू एक बार फिर उस बाबा के पास गई। बाबा ने फिर से उस सांप को बुलाया और उससे कारण पुछा। सांप ने बताया कि ये लोग दीपक तो जलाते हैं लेकिन वही पुराना दीपक जलाते हैं अगर ये हर बार नया दीपक जलाएंगे तो में चला जाऊंगा। नीतू ने उनकी बात ली अब वो नया दीपक जलाने लगी। धीरे धीरे उसका फोड़ा बगैर मेडिसिन के खत्म हो गया। अब वो अपने परिवार के सात बहुत खुश है।
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